शादी में देरी का कारण क्या है? कुंडली से जानें समाधान और उपाय!

भारतीय संस्कृति में विवाह न केवल एक सामाजिक बंधन है, बल्कि यह दो आत्माओं का आध्यात्मिक मिलन भी माना जाता है। लेकिन कई बार व्यक्ति की शादी में अनचाही देरी हो जाती है, जिससे तनाव, चिंता और पारिवारिक दबाव बढ़ने लगता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि शादी में देरी का ज्योतिषीय कारण क्या हो सकता है?
इस लेख में हम जानेंगे कि कुंडली के किन ग्रहों और योगों के कारण विवाह में देरी होती है, और उसके उपाय क्या हैं।

शादी में देरी के ज्योतिषीय कारण (Astrological Reasons for Delay in Marriage)

  1. मंगल दोष (Mangal Dosha)
    • यदि कुंडली में मंगल ग्रह 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में हो, तो मंगल दोष बनता है।
    • यह वैवाहिक जीवन में देरी या संघर्ष का कारण बन सकता है।
  2. सप्तम भाव में अशुभ ग्रहों की स्थिति
    • सप्तम भाव (7th House) विवाह का मुख्य भाव होता है।
    • अगर इस भाव में शनि, राहु, केतु, या सूर्य जैसे अशुभ ग्रह स्थित हों, तो शादी में बाधा आती है।
  3. शनि की ढैय्या या साढ़े साती
    • शनि की ढैय्या या साढ़े साती का प्रभाव भी विवाह की प्रक्रिया में देरी कर सकता है।
  4. गुरु या शुक्र का कमजोर होना
    • गुरु (बृहस्पति) कन्या के विवाह और शुक्र (Venus) पुरुष के विवाह के लिए जिम्मेदार होते हैं।
    • यदि ये ग्रह कमजोर या नीच राशि में हों, तो विवाह में रुकावट आ सकती है।
  5. ग्रहों की दशा और महादशा
    • विवाह के समय यदि कुंडली में शुभ ग्रहों की दशा न चल रही हो, तो विवाह में देरी होना स्वाभाविक है।

शादी में देरी दूर करने के उपाय (Astrological Remedies for Marriage Delay)

विवाह में देरी के उपाय
विवाह में देरी के उपाय
  1. मंगल दोष शांति पूजा
    • अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो “मंगल दोष निवारण पूजा” करें या हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें।
  2. गुरु एवं शुक्र की शांति
    • गुरुवार को व्रत रखें और केले के पेड़ की पूजा करें।
    • शुक्र के लिए शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की पूजा करें।
  3. कुंभ विवाह या वटवृक्ष विवाह
    • कुछ विशेष कुंडलियों में कुंभ विवाह या वटवृक्ष विवाह करने से विवाह योग बनते हैं।
  4. शिव-पार्वती की पूजा
    • सोमवार को व्रत रखें और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
    • शिव-पार्वती विवाह कथा का पाठ करें।
  5. सप्तम भाव के लिए विशेष उपाय
    • सप्तम भाव के दोषों को शांत करने हेतु किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से पूजा कराएं।
  6. रुद्राभिषेक करें
    • शिवलिंग पर जल व दूध से रुद्राभिषेक करने से विवाह योग जल्दी बनते हैं।

विवाह योग कब बनते हैं? (When Do Marriage Yogas Form?)

  • जब कुंडली में सप्तम भाव पर गुरु की दृष्टि हो।
  • शुक्र मजबूत हो और दशा–महादशा शुभ ग्रहों की हो।
  • गोचर में बृहस्पति या शनि विवाह भाव पर शुभ प्रभाव डाल रहे हों।

निष्कर्ष (Conclusion)

शादी में देरी कई बार सिर्फ भाग्य नहीं, बल्कि ग्रहों की चाल का प्रभाव भी हो सकता है।
यदि आपको या आपके किसी प्रियजन को विवाह में लगातार अड़चनें आ रही हैं, तो एक प्रमाणिक और अनुभवी ज्योतिषाचार्य से कुंडली मिलान जरूर करवाएं।
सही उपाय करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं और शीघ्र शुभ समाचार मिल सकता है।

Umesh is talented writer and editor at a LifeWithTrend, Shining with his concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. His engaging style and sharp insights make his a beloved voice in journalism.

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